Ricky Ponting, Delhi Capitals: आईपीएल 2025 (IPL 2025) से पहले दिल्ली कैपिटल्स ने रिकी पोंटिंग को अपने हेड कोच के पद से हटा दिया है। पोंटिंग 2018 में दिल्ली की टीम का हिस्सा बने थे और 7 सालों तक उन्होंने कोच की भूमिका निभाई। डीसी ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर पोटिंग को विदाई देने के लिए खास पोस्ट किया और कैप्शन में लिखा, 7 सीजन के बाद, दिल्ली कैपिटल्स ने रिकी पोंटिंग से अलग होने का फैसला किया है। यह एक शानदार यात्रा रही है। कोच हर चीज के लिए धन्यवाद। आईपीएल 2024 के बाद दिल्ली के कोचिंग स्टाफ में बदलाव होना पहले से तय था। पोटिंग बतौर खिलाड़ी विश्व के सबसे सफल कप्तान रहे हैं, लेकिन कोच के तौर पर उनका रिकॉर्ड खराब रहा है। इस आर्टिकल में हम उन 3 कारणों का जिक्र करेंगे, जिससे पता चलता है कि डीसी द्वारा पोंटिंग को हेड कोच पद से हटाए जाने का फैसला क्यों सही है। 3 कारण क्यों दिल्ली कैपिटल्स का रिकी पोंटिंग को हेड कोच के पद से हटाना सही कदम है3. उम्मीद के मुताबिक नतीजों का ना निकलना पोंटिंग 2018 में टीम के हेड कोच बने थे और उम्मीद थी कि उनके आने से टीम के प्रदर्शन में सुधार होगा, लेकिन उस सीजन में दिल्ली अंक तालिका में आठवें नंबर पर रही थी। 2019 में डीसी प्लेऑफ में जगह बनाने में सफल रही थी और 2020 में टीम ने पहली बार फाइनल में जगह बनाई थी। लेकिन ट्रॉफी जीतने में नाकाम रही थी। 2021 में एक बार फिर दिल्ली का ट्रॉफी जीतने का सपना टूटा था। इसके बाद 2022 से 2024 के बीच दिल्ली प्लेऑफ में भी पहुंचने में नाकाम साबित हुई थी। 7 सालों में पोंटिंग एक बार भी दिल्ली को ट्रॉफी नहीं जीता पाए। 2. योजनाओं में विफलता Picture Courtesy: IPL Official Websiteकप्तान के तौर पर रिकी पोंटिंग के हर प्लान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कामयाब होता था, लेकिन कोच के तौर पर उनके बनाए गए प्लान सही से काम नहीं करते थे। सौरव गांगुली और पोंटिंग जैसे अनुभवी दिग्गजों का दिल्ली के खेमे का हिस्सा होने के बावजूद टीम का प्रदर्शन पिछले कुछ सत्रों में काफी खराब रहा। दिल्ली जीते हुए मैचों को भी अंतिम ओवर में हारती नजर आई, जिसकी मुख्य वजह टीम द्वारा किसी बेहतर योजना को फॉलो ना करना रहा। 1. युवा खिलाड़ियों की प्रतिभा को निखारने की कोशिश ना करना दिल्ली की टीम युवा खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका दिखाने के लिए जानी जाती है। पोंटिंग के कार्यकाल में पृथ्वी शॉ और ऋषभ पंत जैसे युवा खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन से फैंस का दिल जीता। हालांकि, इस दौरान टीम तुषार देशपांडे, राहुल तेवतिया और विजय शंकर जैसे खिलाड़ियों का सही से इस्तेमाल करने में विफल रही। इन खिलाड़ियों ने टीम का साथ छोड़ने के बाद दूसरी फ्रेंचाइजी के अच्छा प्रदर्शन किया। वहीं, सरफराज खान जैसे विस्फोटक बल्लेबाज को भी पोंटिंग की कोचिंग में खेलने के ज्यादा मौके नहीं मिले। 2024 में भी पोंटिंग के कार्यकाल में ये सिलसिला जारी रहा और युवा खिलाड़ी बेंच पर बैठे अपने मौके का इंतज़ार करते दिखे।