आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप (T20 World Cup) में भारतीय टीम (Indian Cricket Team) का निराशाजनक प्रदर्शन रहा। भारतीय टीम इस टी20 वर्ल्ड कप की दावेदार तो मानी जा रही थी, लेकिन टीम इंडिया सेमीफाइनल से पहले ही बाहर हो गयी। भारत के खराब प्रदर्शन के पीछे कई खिलाड़ी जिम्मेदार रहे और माना जा रहा था कि खराब प्रदर्शन वाले कई खिलाड़ियों को न्यूजीलैंड के खिलाफ 17 नवंबर से शुरू होने वाली सीरीज में जगह नहीं मिलेगी। लेकिन इस टी20 वर्ल्ड कप में अपने प्रदर्शन से निराश करने वाले अनुभवी तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार (Bhuvneshwar Kumar) को न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज में मौका मिला है।BCCI@BCCI.@ImRo45 all set to lead #TeamIndia's T20I squad against New Zealand. 👍 👍How excited are you for the home series? #INDvNZ10:41 AM · Nov 9, 2021810987467.@ImRo45 all set to lead #TeamIndia's T20I squad against New Zealand. 👍 👍How excited are you for the home series? #INDvNZ https://t.co/wGCe0gBbL29 नवंबर को बीसीसीआई ने 16 सदस्यीय टीम का ऐलान किया। इस टीम का कप्तान रोहित शर्मा को बनाया गया है, वहीं के रूप में केएल राहुल नजर आएंगे। कई युवा खिलाड़ियों को आईपीएल में अच्छे प्रदर्शन के कारण पहली बार चुना गया है तो कुछ खिलाड़ियों की वापसी भी हुयी है। हालांकि इन सब के बीच भुवनेश्वर कुमार का चयन जरूर चर्चा का विषय बना है। इस गेंदबाज का हालिया प्रदर्शन और फिटनेस सवालों के घेरे में हैं। इस आर्टिकल में हम उन 3 प्रमुख कारणों का जिक्र करने जा रहे हैं, जिनके आधार पर उन्हें नहीं चुना चाहिए था।3 प्रमुख कारणों से भुवनेश्वर कुमार को न्यूजीलैंड के खिलाफ टी20 सीरीज के लिए नहीं चुना जाना चाहिए था #3 भारत के पास भविष्य को ध्यान में रखते हुए बेहतर विकल्प हैंअर्शदीप को नहीं चुना गयाइसमें कोई दो राय नहीं है कि भुवनेश्वर कुमार मौजूदा समय में भारत के सबसे अनुभवी तेज गेंदबाज हैं। भुवनेश्वर कुमार भले ही अपने करियर में खेल के उच्च स्तर पर ना हों लेकिन एक समय था जब उनकी मौजूदगी से टीम को काफी फायदा होता था। हालांकि अब ऐसा देखने को नहीं मिलता है। भुवी पिछले कुछ समय से पूरी तरह से निराश कर रहे हैं। इसके बावजूद उन्हें को न्यूजीलैंड के खिलाफ टी20 सीरीज में मौका दिया गया।अगले साल ऑस्ट्रेलिया की सरजमीं पर टी20 वर्ल्ड कप है। इसको ध्यान में रखते हुए न्यूजीलैंड के खिलाफ टी20 सीरीज में भुवनेश्वर कुमार की जगह पर युवा गेंदबाजों को मौका देना बनता था, जिसमें अर्शदीप सिंह, प्रसिद्ध कृष्णा, शिवम मावी और चेतन सकारिया जैसे विकल्प मौजूद थे।