क्रिकेट इतिहास के 4 सबसे बेहतरीन खेल भावना वाले लम्हें

न्यूजीलैंड टीम हमेशा से ही स्पोर्टमैनशिप के लिए जानी जाती है
न्यूजीलैंड टीम हमेशा से ही स्पोर्टमैनशिप के लिए जानी जाती है

क्रिकेट हमेशा से एक जेंटलमैन गेम माना जाता है। आप चाहे जिस भी खेल मे क्यों न हों, खेल की भावना बनाए रखना सबसे महत्वपूर्ण होता है। जब दो टीमें मैदान मे आपस में भिड़ती हैं तो इसमें कोई संदेह नहीं कि दोनों टीमें कड़े मुकाबले एक दूसरे के सामने रखती हैं। हालांकि इसके बावजूद भी खिलाड़ी खेल भावना को कभी नहीं भूलते और यही बात क्रिकेट को एक महान खेल बनाती है।

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क्रिकेट में सफल होने के लिए भले ही खिलाड़ियों के अंदर उसको खेलने की तकनीक होनी चाहिए और मैदान में खिलाड़ी इसे कड़ी मेहनत से हासिल कर सकते हैं। हालांकि कुछ ऐसी चीजें होती हैं जिन्हें आप मेहनत से नहीं बल्कि आपके अंदर मौजूद नैतिकों से प्राप्त करते हैं।

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खेल भावना किसी नियम की किताबों में से नहीं मिल सकती बल्कि यह सभी खिलाड़ियों के अंदर अलग-अलग होती है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मुकाबला किस स्थिति में है या फिर कितना बड़ा इवेंट है, कई खिलाड़ियों ने क्रिकेट के इतिहास में खेल भावना दिखाते हुए सबका दिल जीता है।

इसी बात को ध्यान में रखते हुए आज हम आपको चार ऐसे उदाहरणों के बारे में बताने वाले हैं जहां पर खिलाड़ियों ने खेल भावना को दिखाया:

#1 एंड्रयू फ्लिंटॉफ बनाम ऑस्ट्रेलिया (2005 एशेज)

एंड्रयू फ्लिंटॉफ और ब्रेट ली 
एंड्रयू फ्लिंटॉफ और ब्रेट ली

2005 में खेली गयी एशेज सीरीज को क्रिकेट की दुनिया में एक खास नजर से देखा जाता है। दोनों टीमों के बीच काफी कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिली और दोनों ही टीमों के खिलाड़ियों ने अपनी टीमों के लिए श्रेष्ठ प्रदर्शन देने की कोशिश की। खिलाड़ियों के बीच कई बार कुछ आपसी नोक-झोक भी देखने को मिली। हालाँकि इन सबके बावजूद इस सीरीज में स्पोर्ट्समैनशिप का एक बेहतरीन उदहारण देखने को मिला।

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ब्रेट ली की एक बेहतरीन पारी की बदौलत 9 विकेट गिरने के बावजूद भी ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए मात्र 3 रनों की दरकार थी। हालांकि इस दौरान उनके साथी खिलाड़ी माइकल कास्प्रोविच ने अपना विकेट गंवा दिया और ऑस्ट्रेलिया 2 रनों से मुकाबला हार गया। इसके बाद इंग्लैंड के तेज गेंदबाज फ्लिंटॉफ ब्रेट ली के पास गए और उनको जाकर सहानुभूति दी जिसने सबका दिल जीत लिया।

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#2 केन विलियमसन बनाम इंग्लैंड (2019 विश्व कप)

केन विलियमसन कार्लोस ब्रैथवेट को सांत्वना देते हुए 
केन विलियमसन कार्लोस ब्रैथवेट को सांत्वना देते हुए

इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच खेला गया 2019 का विश्व कप आखिर कौन ही भूल सकता है। बाउंड्री काउंट की वजह से विश्व कप को हारने वाली न्यूजीलैंड टीम के कप्तान केन विलियमसन के स्वभाव ने पूरे विश्वकप में सबका दिल जीता था।

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2019 विश्व कप के फाइनल के दबाव के बाद शांत स्वभाव रखने की बात करें या फिर वेस्टइंडीज के खिलाफ लीग मैच में कार्लोस ब्रैथवेट को सहानुभूति देने की बात करें विलियमसन ने खेल भावना को अलग ही स्तर पर पहुंचाया और सभी का दिल जीता।

#3 एडम गिलक्रिस्ट बनाम श्रीलंका (2003 विश्व कप)

एडम गिलक्रिस्ट
एडम गिलक्रिस्ट

2003 विश्व कप के सेमीफाइनल में श्रीलंका के खिलाफ खेलते हुए अरविन्द डी सिल्वा के खिलाफ एडम गिलक्रिस्ट ने एक स्वीप शॉट खेला जिस पर बल्ले की किनारा लगने की वजह से सीधा गेंद विकेटकीपर के हाथ में गई। हालांकि सबको आश्चर्य करते हुए अंपायर ने उसे आउट नहीं करार दिया, हालांकि इसके बावजूद एडम गिलक्रिस्ट खुद पवेलियन की तरफ चल दिए और सबका दिल जीतकर विश्व क्रिकेट को खेल भावना का शानदार परिचय दिया।

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#4 विराट कोहली बनाम ऑस्ट्रेलिया (2019 विश्व कप)

विराट कोहली और स्टीव स्मिथ 
विराट कोहली और स्टीव स्मिथ

विराट कोहली मैदान में अक्सर आक्रमक दिखाई देते हैं, हालांकि 2019 के विश्व कप में अपने विरोधी टीम के खिलाड़ी के लिए विराट ने शानदार तरीके से खेल भावना का परिचय दिया। बैन झेलकर 2019 के विश्व कप में वापसी करने वाले स्टीव स्मिथ को भारत के खिलाफ जनता के क्रोध का सामना करना पड़ा था। बाउंड्री पर फील्डिंग करते समय स्मिथ को दर्शक कुछ ना कुछ कह रहे थे और विराट को प्रशंसकों का यह स्वभाव बिल्कुल पसंद नहीं आया और उन्होंने नॉन स्ट्राइक पर खड़े होते हुए स्मिथ के लिए प्रशंसकों से ताली बजाने की गुहार की।

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Edited by निशांत द्रविड़
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