Abhimanyu Easwaran Father Statement: घरेलू क्रिकेट में अपनी प्रभाव को लोहा मनवाने वाले अभिमन्यु ईश्वरन को एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में एक भी मुकाबला खेलने को नहीं मिला। इस तरह उन्हें अपनी इंटरनेशनल डेब्यू का इंतजार करते हुए 961 दिन हो गए हैं। इससे पहले ईश्वरन बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के भी पांचों मुकाबलों में बेंच गर्म करते रह गए थे। ईश्वरन को इस तरह से इग्नोर होते देखकर उनके पिता के सब्र का बांध टूट गया है। उन्होंने बीसीसीआई से कुछ तीखे सवाल पूछे हैं।ओवल टेस्ट में टीम इंडिया की प्लेइंग-11 में चार बदलाव देखने को मिले हैं। करुण नायर, आकाशदीप, ध्रुव जुरेल और प्रसिद्ध कृष्णा को मौका मिला। लेकिन ईश्वरन का इंतजार बरकरार रहा। अपने बेटे की इस दशा को लेकर टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए रंगनाथन ईश्वरन ने कहा,"मैं ये नहीं गिन रहा कि अभिमन्यु कितने दिनों से डेब्यू का इंतजार कर रहा है। मैं तो अब साल गिन रहा हूं। वो तीन सालों से डेब्यू के इंतजार में है। एक खिलाड़ी का काम क्या होता है? रन बनाना। और उसने वो किया है। लोगों ने कहा कि उसने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर इंडिया ए के दो मैचों में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया, इसलिए उसे टीम में नहीं लिया गया, चलिए मैं इस बात से सहमत हूं। लेकिन जब अभिमन्यु ने प्रदर्शन किया था, तब करुण नायर टीम में नहीं थे। उनको दलीप ट्रॉफी या ईरानी ट्रॉफी में भी नहीं चुना गया था।"उन्होंने आगे कहा, 'अगर पिछले साल से अब तक का प्रदर्शन देखें तो अभिमन्यु ने लगभग 864 रन बनाए हैं। फिर उनकी तुलना कैसे की जा सकती है? उन्होंने करुण नायर को चांस दिया। वो ठीक है, क्योंकि उन्होंने हाल में घरेलू क्रिकेट में 800 से ज्यादा रन बनाए थे। सिलेक्टर्स ने उनके ऊपर भरोसा दिखाया।'मेरा बेटा थोड़ा डिप्रेस्ड है - अभिमन्यु ईश्वरन के पितारंगनाथन ने बताया कि उनका बेटा थोड़ा डिप्रेस्ड है, जो होना स्वभाविक है। इस सदर्भ में उन्होंने कहा, मेरा बेटा थोड़ा डिप्रेस्ड है, ये तो होना ही था। कुछ खिलाड़ी आईपीएल में प्रदर्शन करके जल्दी टेस्ट टीम में पहुंच जाते हैं। टेस्ट टीम के चयन में आईपीएल प्रदर्शन को नहीं गिनना चाहिए। टेस्ट क्रिकेट के लिए रणजी ट्रॉफी, दलीप ट्रॉफी और ईरानी ट्रॉफी को आधार बनाया जाना चाहिए'इससे पहले पूर्व भारतीय क्रिकेटर मदन लाल ने ईश्वरन को लेकर हैरानी जताई थी और कहा था कि उन्हें समझ नहीं आ रहा कि इस खिलाड़ी को मौका क्यों नहीं मिल रहा। उनके लिए ईश्वरन का इस तरह से नजरअंदाज होना चौंकाने वाला है।