टीम इंडिया के सबसे बेहतरीन कप्तानों में से एक विराट कोहली (Virat Kohli) ने अपने 7 साल के टेस्ट कप्तानी के सफर पर विराम लगा दिया है। विराट कोहली ने शनिवार को अचानक ही सोशल मीडिया पर टेस्ट की कप्तानी छोड़ने का ऐलान किया, जिसके बाद से पूरा क्रिकेट जगत हैरान है। कोहली के कप्तानी छोड़ने के बाद क्रिकेट जगह से जुड़ी तमाम हस्तियों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है और इसमें अब बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) का नाम भी शुमार हो गया है।भारतीय क्रिकेट टीम के लिए कप्तान के तौर पर जबरदस्त कामयाबी हासिल करने के बाद विराट कोहली के द्वारा इस तरह से कप्तानी छोड़ने की किसी ने कल्पना तक नहीं की थी। लेकिन उन्होंने अपने इस फैसले से हर किसी चौंका दिया।सौरव गांगुली ने विराट कोहली की कप्तानी को सराहा। दादा ने तीनों ही फॉर्मेट में बतौर कप्तान विराट के योगदान का जिक्र किया और प्रशंसा की। गांगुली ने ट्वीट करते हुए लिखा,विराट की अगुवाई में भारतीय क्रिकेट ने खेल के सभी प्रारूपों में तेजी से प्रगति की। उनका फैसला व्यक्तिगत है और बीसीसीआई इसका बहुत सम्मान करता है। वह इस टीम को भविष्य में नयी ऊंचाइयों पर ले जाने के लिये महत्वपूर्ण सदस्य होंगे। एक महान खिलाड़ी। बहुत अच्छी भूमिका निभायी।Sourav Ganguly@SGanguly99Under Virats leadership Indian cricket has made rapid strides in all formats of the game ..his decision is a personal one and bcci respects it immensely ..he will be an important member to take this team to newer heights in the future.A great player.well done ..@BCCI @imVkohli12:47 PM · Jan 16, 2022610664334Under Virats leadership Indian cricket has made rapid strides in all formats of the game ..his decision is a personal one and bcci respects it immensely ..he will be an important member to take this team to newer heights in the future.A great player.well done ..@BCCI @imVkohliभारत के सबसे सफल कप्तान साबित हुए विराट कोहलीआपको बता दें कि विराट कोहली ने साल 2014 के आखिर में महेन्द्र सिंह धोनी के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास के बाद भारतीय टीम की फुलटाइम कप्तानी संभाली। इसके बाद कोहली ने भारतीय क्रिकेट टीम का घर और विदेशों, दोनों जगह सफलता दिलाई।विराट कोहली एक जबरदस्त कप्तान हुए विराट कोहली ने अपने टेस्ट करियर में भारत के लिए कुल 68 टेस्ट मैचों में प्रतिनिधित्व किया। जिसमें उन्होंने भारत को 40 टेस्ट मैचों में जीत दिलायी। तो वहीं उनकी कप्तानी में भारतीय टीम को 17 टेस्ट मैचों में हार का सामना करना पड़ा। इसके साथ ही वो भारतीय टेस्ट क्रिकेट इतिहास से सबसे सफल कप्तान साबित हुए।