Karnataka High Court on Robin Uthappa Fraud Case: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज रॉबिन उथप्पा को फ्रॉड केस मामले में बड़ी राहत मिली है। कर्नाटक के इस दिग्गज बल्लेबाज पर धोखाधड़ी मामले को लेकर अरेस्ट वारंट जारी किया गया था। लेकिन अब आखिरकार कर्नाटक हाईकोर्ट ने इस अरेस्ट वारंट पर रोक लगा दी है।दरअसल, रॉबिन उथप्पा के खिलाफ इसी 21 दिसंबर को पीएफ के क्षेत्रीय आयुक्त शदाक्षरी रोपाल रेड्डी ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। जिसके बाद उन्होंने वहां की पुलकेशिनगर पुलिस को इस मामले को लेकर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। जिसके बाद से उनके खिलाफ इस मामले को लेकर जांच जारी थी और कार्रवाई होने के आसार थे। लेकिन इससे पहले कर्नाटक हाई कोर्ट ने उन्हें इस मामले को लेकर फिलहाल राहत दे दी है।आपको बता दें कि रॉबिन उथप्पा की फर्म सेंचुरीज लाइफस्टाइल ब्रांड प्राइवेट लिमिटेड की तरफ कर्मचारियों के वेतन में पीएफ काटने के बाद उसे नहीं चुकाने का आरोप है। जहां उथप्पा ने इस पीएफ फंड में कर्मचारियों के वेतन का करीब 23 लाख रूपये का फंड वापस नहीं किया। ऐसे में उन पर इस राशि का कथित तौर पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगा।रॉबिन उथप्पा ने फ्रॉड केस में अरेस्ट वारंट के बाद रखी थी अपनी बातइस मामले को लेकर रॉबिन उथप्पा ने अपने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने लिखा था,"मेरे खिलाफ पीएफ मामले की हालिया खबरों के मद्देनजर, मैं स्ट्रॉबेरी लेन्सेरिया प्राइवेट लिमिटेड, सेंटॉरस लाइफस्टाइल ब्रांड्स प्राइवेट लिमिटेड और बेरीज फैशन हाउस के साथ अपनी भागीदारी के संबंध में कुछ स्पष्टीकरण देना चाहूंगा। 2018-19 में, मुझे इन कंपनियों में ऋण के रूप में मेरे वित्तीय योगदान के कारण निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था।" View this post on Instagram Instagram Postइसके बाद उन्होंने आगे लिखा,“हालांकि, मेरे पास कोई सक्रिय कार्यकारी भूमिका नहीं थी, न ही मैं बिजनेस के दिन-प्रतिदिन के संचालन में शामिल था। एक प्रोफेशनल क्रिकेटर, टीवी प्रेजेंटेटर और कमेंटेटर के रूप में मेरे बिजी शेड्यूल को देखते हुए, न तो मेरे पास उनके संचालन में हिस्सा लेने के लिए समय था और न ही विशेषज्ञता। वास्तव में, मैंने आज तक जिन अन्य कंपनियों को ऋण दिया है, उनमें से किसी में भी मैं कार्यकारी भूमिका नहीं निभाता हूं।”