भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन का मानना है कि वीवीएस लक्ष्मण काफी दुर्भाग्यशाली थे कि उन्हें अपने करियर में वर्ल्ड कप में खेलने का मौका नहीं मिला। अजहरुद्दीन ने ये भी कहा कि कैसे वीवीएस लक्ष्मण की फील्डिंग की वजह से सीमित ओवरों की टीम में उनका चयन मुश्किल हो जाता था।फेसबुक पर स्पोर्ट्सकीड़ा के साथ खास बातचीत में मोहम्मद अजहरुद्दीन ने बताया कि अपने करियर में पीक पर होने के बावजूद क्यों वीवीएस लक्ष्मण को वनडे टीम में जगह नहीं मिलती थी। अजहरुद्दीन के मुताबिक लक्ष्मण की फील्डिंग उतनी अच्छी नहीं थी, इसलिए शायद उन्हें वर्ल्ड कप में खेलने का मौका नहीं मिला।Knock knock... timing it like old times 😀 #AzharFlicks pic.twitter.com/Rkgl0PNG7i— Mohammed Azharuddin (@azharflicks) June 4, 2020मोहम्मद अजहरुद्दीन ने कहा 'शायद चयकर्ताओं को लगा कि उनकी फील्डिंग उतनी अच्छी नहीं है, इसलिए उन्हें शामिल नहीं किया गया। लेकिन एक खिलाड़ी के तौर पर अगर बात करें तो वीवीएस लक्ष्मण के वनडे में 2 या 3 शतक हैं। मेरे ख्याल से उन्होंने कुछ शतक ऑस्ट्रेलिया में भी लगाए हैं। वीवीएस लक्ष्मण काफी जबरदस्त फील्डर थे, टेस्ट मैचों में उन्होंने स्लिप में 120 या 130 कैच पकड़े। लेकिन जहां तक वनडे मैचों का सवाल है, तो आप केवल स्लिप में फील्डिंग नहीं कर सकते हैं। आपको मैदान के हर कोने में फील्डिंग करनी होगी।ये भी पढ़ें: उमेश यादव ने बताया, किस तरह राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण को आउट करने के बाद उनका नाम हुआवीवीएस लक्ष्मणवीवीएस लक्ष्मण एक बल्लेबाज के तौर पर अनलकी रहे- मोहम्मद अजहरुद्दीन अहरुद्दीनहालांकि मोहम्मद अजहरुद्दीन का मानना है कि वीवीएस लक्ष्मण को कप्तान चाहता तो उनकी पसंद की जगह पर फील्डिंग में खड़ा रख सकता था लेकिन वो इस मामले में अनलकी रहे और वर्ल्ड कप भी नहीं खेल पाए।अजहरुद्दीन ने कहा ' कभी-कभी हमें टीम कॉम्बिनेशन और कप्तान की रणनीति के हिसाब से जाना होता है। मेरे हिसाब से एक बल्लेबाज के तौर पर वो अनलकी थे, क्योंकि कप्तान अगर च तो उन्हें फील्ड में बचा भी सकता था।'गौरतलब है कि वीवीएस लक्ष्मण ने अपने वनडे करियर में 86 मैच खेले और इस दौरान 2338 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 6 शतक और 10 अर्धशतक भी लगाया। वनडे में उनका उच्चतम स्कोर 131 रन रहा। लक्ष्मण काफी जबरदस्त प्लेयर थे लेकिन उन्हें कभी वर्ल्ड कप में खेलने का मौका ही नहीं मिला। यहां तक कि 2003 के वर्ल्ड कप टीम में भी वो अपनी जगह नहीं बना पाए थे।