भारत (Indian Cricket Team) की दीवार कहे जाने वाले पूर्व दिग्गज बल्लेबाज राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) ने हाल ही में क्रेड एप के एक वीडियो में जीवन से जुड़ी कुछ अनमोल सीख बताई है। राहुल द्रविड़ ने अपने जीवन में घटी कुछ घटनाओं पर प्रकाश डालते हुए यह अनुभव दर्शकों और युवा खिलाड़ियों के साथ साझा किया है। राहुल द्रविड़ ने अपने करियर की शुरुआत 1996 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच खेल कर की लेकिन उससे पहले कर्नाटक में स्कूल क्रिकेट के दौरान उनके साथ एक दिलचस्प घटना घटी, जिसको याद करते हुए उन्होंने यह कहानी साझा की है।राहुल द्रविड़ के अनुसार 1986 में स्कूल क्रिकेट के दौरान उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया और उनका फोटो अख़बार में छपा लेकिन नाम राहुल द्रविड़ की जगह 'राहुल डेविड' छप गया, जिसके लेकर उन्होंने संक्षिप्त में बताया कि, 'उन दिनों जब आप शतक बनाते थे, तो वे आपकी तस्वीर और आपका नाम कागज पर छाप देते थे और मैं उत्साहित हो जाता था। मैं अगली सुबह उठता हूं और देखता हूं कि मेरा नाम राहुल द्रविड़ के बजाय 'राहुल डेविड' है। मुझे हंसना था और थोड़ा मुस्कुराना था, लेकिन मेरे लिए एक अच्छा सबक भी था। कि मैं खुद से बहुत आगे न निकलूं और महसूस करूं कि शायद मैं उतना प्रसिद्ध नहीं हूं और लोग इस समय वास्तव में मेरा नाम नहीं जानते हैं। वे अब भी मुझे 'द्रविड़' की जगह 'डेविड' कहते हैं।CRED@CRED_clubRahul Dravid talks about his century at Lord's, U19 world cup win and what cricket teaches him in our latest episode of The Long Game:youtu.be/mN1M0zs3YAk5:11 AM · Oct 14, 20213611469Rahul Dravid talks about his century at Lord's, U19 world cup win and what cricket teaches him in our latest episode of The Long Game:youtu.be/mN1M0zs3YAk https://t.co/OgTtgTuAfMIPL 2014 में टोपी फेंकने के गुस्से की घटना को लेकर किया बड़ा खुलासाराहुल द्रविड़ ने इस वीडियो में कई कहानियाँ अपने फैन्स के साथ साझा की है उन्होंने IPL 2014 में टोपी फेंकने के गुस्से की घटना को लेकर किया बड़ा खुलासा किया मेरे सबसे गौरवपूर्ण पलों में से एक नहीं है, लेकिन मैंने हमेशा कोशिश की है कि मैं अपनी भावनाओं को नियंत्रित करने में सक्षम हो जाऊ। टोपी को फेंकना बहुत कुछ स्वाभाविक रूप से आया और मुझे एहसास है कि जब मैं शांत और तनावमुक्त रहता हूं, तो मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करता हूं। जाहिर है, यह एक ऐसा अवसर था जहां मैंने शांत रह नहीं पाया और ऐसा नहीं कर सका, लेकिन ऐसा हुआ।