क्रिकेट में नियम (ICC Rules) साल दर साल बदलते रहते है। पिछले कुछ सालों से लिमिटेड ओवर्स क्रिकेट में पिच के दोनों छोरों पर अलग-अलग गेंदों का इस्तेमाल होता है, जिससे गेंदबाजों को मुश्किल का सामना करना पड़ता है। दूसरी तरफ बल्लेबाज इस नियम का फायदा उठाकर लगातार रन बरसाते हुए नजर आते है। इस नियम को लेकर कई बार पूर्व दिग्गज खिलाड़ी और मौजूदा खिलाड़ी सवाल खड़े करते हुए नजर आये हैं लेकिन इस बात को नजरअंदाज कर दिया जाता है। एक बार फिर इस नियम को लेकर भारत के दिग्गज स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) ने ट्विटर के जरिये सवाल खड़ा किया है। ट्विटर पर वसीम अकरम (Wasim Akram) का एक शानदार गेंदबाजी स्पेल का वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो पर आर अश्विन ने अपनी राय रखते हुए लिमिटेड ओवर्स को कटघरे में लिया है।Hello white ball 💭💭!! Where are you these days?? That’s the 44 th over and reverse swing at it’s best from the king @wasimakramlive 👏👏 https://t.co/PcgXEtOkwj— Mask up and take your vaccine🙏🙏🇮🇳 (@ashwinravi99) May 15, 2021दरअसल, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पहले एक पारी में एक ही गेंद का इस्तेमाल होता था, जिससे गेंदबाजों को पारी के अंत में रिवर्स स्विंग में मदद मिलती थी। इस वीडियो में भी पाकिस्तान क्रिकेट टीम (Pakistan Cricket Team) के पूर्व दिग्गज गेंदबाज वसीम अकरम न्यूजीलैंड के खिलाफ पारी के आखिरी ओवरों में शानदार गेंदबाजी करते हुए नजर आ रहे हैं। वसीम अकरम को पुरानी गेंद से रिवर्स स्विंग में महारथ हासिल थी, जो इस वीडियो में भी नजर आ रही है। भारतीय टीम (Indian Cricket Team) के लिए लिमिटेड ओवर्स फॉर्मेट से बाहर चल रहे, रविचंद्रन अश्विन ने इस वीडियो को लेकर कहा कि हेल्लो वाइट बॉल.... आप इन दिनों कहाँ हैं? यह पारी का 44वां ओवर है और रिवर्स स्विंग का जबरदस्त इस्तेमाल देखने को मिल रहा है, वो भी रिवर्स स्विंग के किंग वसीम अकरम के द्वारा। यह भी पढ़ें - डेल स्टेन ने एस श्रीसंत द्वारा लगाये गए छक्के को लेकर चौंकाने वाली बात कही रविचंद्रन अश्विन ने परोक्ष रूप से लिमिटेड ओवर्स क्रिकेट के नियम पर निशाना साधा है और एक पारी में दो गेंदों के इस्तेमाल पर कटाक्ष करते हुए बड़ा सवाल खड़ा किया है। फ़िलहाल आर अश्विन भारतीय टेस्ट टीम का अहम हिस्सा हैं और लिमिटेड ओवर्स क्रिकेट से पिछले 3-4 साल से बाहर चल रहे हैं। क्रिकेट जगत और उनके द्वारा खड़ा किया गया यह सवाल जायज है जिसपर आईसीसी को जल्द से जल्द फैसला लेना चाहिए।