पाकिस्‍तान क्रिकेट टीम (Pakistan Cricket Team) के प्रमुख तेज गेंदबाज शाहीन अफरीदी (Shaheen Afridi) ने अपना ट्विटर प्रोफाइल पिक्‍चर बदला और कुछ घंटे के बाद डिलीट कर दिया क्‍योंकि ऐसा कयास लगाया जा रहा है कि ये सब उन्होंने पाकिस्‍तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) को तीन साल के लिए जेल भेज देने के विरोध में किया है।शाहीन अफरीदी ने पहले सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म पर इमरान खान के प्रति समर्थन जताया। शाहीन ने तब पाकिस्‍तान के पूर्व प्रधानमंत्री के साथ अपनी फोटो लगाई थी, जिन्‍हें इस साल मई में गिरफ्तार किया गया। शाहीन अफरीदी ने शनिवार को अपनी नई डीपी लगाई, जिसमें हैशटैग का उपयोग किया नई प्रोफाइल पिक और यह फोटो पूरी तरह काला था।Shaharyar Ejaz 🏏@SharyOfficialShaheen Shah Afridi changed his DP to Black Because of Imran Khan's Arrest 🏴🏴. #BlackDay #ShaheenShahAfridi #ImranKhan pic.twitter.com/DsJgAgDttn97369Shaheen Shah Afridi changed his DP to Black Because of Imran Khan's Arrest 🏴🏴. #BlackDay #ShaheenShahAfridi #ImranKhan pic.twitter.com/DsJgAgDttnहालांकि, शाहीन अफरीदी ने कुछ मिनटों के बाद इसे डिलीट किया। उनकी प्रोफाइल फोटो अब भी पूरी तरह काली है। पाकिस्‍तान को 1992 वर्ल्‍ड कप चैंपियन बनाने वाले कप्‍तान इमरान खान को शनिवार को चार महीने में दूसरी बार गिरफ्तार किया गया।यह गिरफ्तारी इमरान खान की चिंता बढ़ाने वाली रही, जिन्‍हें अपनी पार्टी में विभाजन का सामना करना पड़ा। पता हो कि इमरान खान को तीन साल की जेल की सला इसलिए सुनाई गई क्‍योंकि उन्‍होंने अवैध रूप से सरकारी उपहार बेच दिए थे। जिला और सत्र अदालत ने तोशाखाना मामले में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान को दोषी ठहराया है।इमरान के खिलाफ फैसला आते ही पाकिस्तान पुलिस ने कार्रवाई भी की और उन्‍हें लाहौर से गिरफ्तार किया। इमरान खान पर साल 2018 से 2022 के बीच सरकारी उपहारों को बेचकर पैसा बनाने का आरोप था। ये उपहार इमरान को विदेश यात्रा के दौरान प्राप्त हुए थे।पता हो कि जब इमरान खान प्रधानमंत्री बने थे, तब उन्‍हें पाकिस्‍तान क्रिकेट जगत की तरफ से काफी समर्थन प्राप्‍त था। इस साल इमरान खान पर हमला हुआ था, जिसकी पूर्व दिग्‍गज क्रिकेटरों ने कड़ी निंदा की थी।बता दें कि इमरान खान पर 150 से ज्‍यादा कानूनी मामले ठोके गए हैं। इसमें भ्रष्‍टाचार के आरोप, आतंकवाद और विरोध प्रदर्शन के दौरान लोगों को हिंसा के लिए भड़काने के आरोप शामिल हैं।