Indian cricketers father played an important role in their career: भारत में अन्य खेलों के बजाय क्रिकेट को सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है। देश भर में क्रिकेट के लाखों-करोड़ों फैंस है। सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट का भगवान माना जाता है, वहीं विराट कोहली को फैंस रन मशीन कहते हैं। जब भी क्रिकेट की बात होती है तो पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और युवराज सिंह जैसे दिग्गजों का जिक्र भी खूब होता है। सच है कि इन क्रिकेटर्स की जगह आज तक क्रिकेट जगत में कोई नहीं ले पाया है। लेकिन कई युवा क्रिकेटर्स हैं जिन्होंने डेब्यू करते ही देश भर में अपनी पहचान बना ली है। इसमें से कुछ खिलाड़ी ऐसे रहे जिनकी जर्नी में उनके पिता का अहम योगदान रहा। इस आर्टिकल में हम ऐसे ही 3 युवा भारतीय क्रिकेटर्स का जिक्र करने जा रहे हैं, जिनको सफलता दिलाने में उनके पिता की अहम भूमिका रही। 3. नितीश रेड्डीभारतीय क्रिकेटर नितीश रेड्डी ने मेलबर्न टेस्ट में अपने टेस्ट करियर का पहला शतक जड़ा था। मेलबर्न में जब रेड्डी ने शतक जड़ा था तब उनके पिता मुत्याला खुद को रोने से रोक नहीं पाए थे। बता दें कि नितीश जब 12 साल के थे तब उनके पिता ने उनका सपना पूरा करने के लिए अपनी सरकारी नौकरी से खुद ही रिटायरमेंट ले लिया था ताकि बेटे की कोचिंग में फर्क न पड़े। 20 लाख रुपये इनवेस्ट कर अपना धंधा शुरू किया, लेकिन बिजनेस में बड़ा नुकसान होने की वजह से रेड्डी के परिवार को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ा था। उस वक्त रेड्डी के पिता के पास उनका बैट खरीदने तक के पैसे नहीं हुआ करते थे। View this post on Instagram Instagram Post2. भारतीय क्रिकेटर सरफराज खान भारतीय क्रिकेटर सरफराज खान की कामयाबी में उनके पिता ने बहुत सहयोग किया है या फिर कहें कि उनके पिता ने सरफराज के रुप में अपने सपने को सच किया है। सरफराज को जब डेब्यू करने का मौका मिला तो उनके पिता नौशाद खान अपने आंसूओं पर काबू नहीं रख पा रहे थे। इसका वीडियो खूब वायरल हुआ था। वहीं सरफराज ने भी अपने पिता को गर्व से टेस्ट कैप दिखाई थी। View this post on Instagram Instagram Post1. भारतीय क्रिकेटर ध्रुव जुरेलभारतीय क्रिकेटर ध्रुव जुरेल आज जिस मुकाम पर हैं वह अपने पिता के संघर्ष और तमाम बलिदानों की वजह से हैं। जुरेल की ट्रेनिंग अच्छे से हो सके, इसके लिए उन्होंने अपना आगरा वाला घर छोड़ दिया था। यहां तक कि जुरेल को उसकी पहली क्रिकेट किट खरीदने के लिए उन्होंने अपने सोने के आभूषण तक बेच दिए थे। उनका यह त्याग बेकार नहीं हुआ और उनके बेटे ने भारतीय टीम में अपनी जगह बना ली।