भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और महान बल्लेबाज राहुल द्रविड़ ने इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड के 'बायो'सिक्योर' माहौल में क्रिकेट करवाने वाले विचार पर असहमति जताई है। राहुल द्रविड़ ने कोरोनावायरस के बीच इस तरह से क्रिकेट शुरू करने की अवास्तविक बताया है।गौरतलब है कि इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने काफी समय से कोरोनावायरस के कारण क्रिकेट रुके होने के कारण वेस्टइंडीज और पाकिस्तान की मेजबानी 'बायो-सिक्योर' वेन्यू में करने का ऐलान किया है, लेकिन राहुल द्रविड़ इस फैसले से सहमत नहीं दिखे।राहुल द्रविड़ ने एक वेबिनार (Webinar) के दौरान कहा - इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड जिस तरह से क्रिकेट शुरू करने की बात कर रहा है, वह काफी अवास्तविक है। उनके लिए यह सीरीज काफी जरूरी है, क्योंकि सभी जगह क्रिकेट रुका हुआ है, लेकिन जिस तरह का कैलेंडर तैयार किया जाता है और एक दौरे में आप जितना ट्रेवल करते हैं, साथ ही उसमें जितने लोग शामिल रहते हैं, लेकिन उसके बावजूद यह काफी मुश्किल है।यह भी पढ़ें - पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर तौफीक उमर कोरोना पॉजिटिवराहुल द्रविड़राहुल द्रविड़ ने मौजूदा स्थिति के मुताबिक अपने विचार रखेराहुल द्रविड़ ने आगे कहा कि हम सब चाहते हैं कि चीज़ें जल्द से जल्द सही हो। 'बायो-बबल' के केस में अगर आप सरे टेस्टिंग करवाते हैं और साथ ही क्वारंटीन के नियमों का भी पालन करते हैं, लेकिन इसके बावजूद अगर टेस्ट मैच के दूसरे दिन कोई खिलाड़ी पॉजिटिव हो गया तो फिर क्या होगा? इस तरह से मैच को भी रोकना होगा और इसको करवाने के लिए जितनी कोशिशें की जाएंगी, सब बेकार हो जाएगी।द्रविड़ ने यह भी कहा कि हमें स्वास्थ्य विभाग और सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर यह तरीका निकालना होगा कि अगर कोई खिलाड़ी पॉजिटिव होता भी है, तो भी पूरा टूर्नामेंट रद्द नहीं किया जाए।We have confirmed that our players will return to individual training from next week.— England Cricket (@englandcricket) May 14, 2020नेशनल क्रिकेट अकादमी के डायरेक्टर राहुल द्रविड़ ने खिलाड़ियों से भी कहा कि वह सिर्फ उन्हीं चीज़ों पर ध्यान दें जो उनके बस में है। उन्होंने कहा कि खिलाड़ी दर्शकों के सामने प्रदर्शन करना चाहते हैं और इससे उन्हें काफी समर्थन भी मिलता है, लेकिन बिना दर्शकों वाले मैच में खिलाड़ियों को उनकी कमी खलेगी। साथ ही राहुल द्रविड़ ने कहा कि एक खिलाड़ी होने के नाते हमें अपने करियर में काफी उतार चढ़ाव देखने को मिलते हैं। हमें काफी चीज़ों की चिंता होने लगती है, लेकिन हम सिर्फ उन्हीं चीज़ों पर काबू पा सकते हैं, जो हमारे बस में है।