नीदरलैंड (Netherlands cricket team) के कोच रेयान कैम्पबेल (Ryan Campbell) ने क्रिकेट को ग्लोबल स्तर पर पॉपुलर करने के लिए एक खास अपील की है। उन्होंने कहा है कि जितनी भी एसोसिएट या छोटी टीमें हैं उन्हें टेस्ट प्लेइंग नेशंस के खिलाफ खेलने का मौका मिलना चाहिए। उनके मुताबिक अगर ऐसा होगा तभी क्रिकेट ग्लोबल स्तर पर बढ़ेगा।दरअसल जितनी भी एसोसिएट टीमें हैं उनसे बड़े देश द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेलते हैं। केवल वर्ल्ड कप में ही इन टीमों का आमना-सामना होता है। एसोसिएट टीमों को केवल छोटी टीमों से ही द्विपक्षीय सीरीज खेलने का मौका मिलता है।एसोसिएट टीमों को बड़ी टीमों के खिलाफ खेलने का मौका मिलना चाहिए - नीदरलैंड के कोचनीदरलैंड के कोच के मुताबिक ऐसा नहीं होना चाहिए और सभी टीमों को एक दूसरे के खिलाफ खेलना चाहिए। उन्होंने कहा,हम आकर भले ही ये कहें कि हमें दुनिया का सबसे ज्यादा खेला जाने वाला गेम बनना है या फिर इसके अलावा हम और भी बातें कर सकते हैं। लेकिन हकीकत ये है कि जब तक आप एसोसिएट टीमों को बड़ी टीमों के खिलाफ खेलने और सुधार करने का मौका नहीं देंगे तब तक कुछ नहीं होगा। ये काफी दुख की बात है। अगर आप गेम को फॉलो करते हैं तो पता चलेगा कि जो टीमें 11वें, 12वें और 13वें नंबर पर हैं वो 14वें, 15वें और 16वें नंबर की टीम के करीब हैं।वहीं भारत के पूर्व क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने भी नीदरलैंड के कोच के इस बयान का समर्थन किया है। उन्होंने कहा है कि अगर टेस्ट खेलने वाले प्रमुख देश एसोसिएट टीमों के खिलाफ नहीं खेलेंगे तो फिर उनका डेवलपमेंट नहीं हो पाएगा। क्रिकेट को एक ग्लोबल गेम बनाने के लिए ऐसा करना होगा।Aakash Chopra@cricketaakashExactly what we have been talking about…World Cup participation is a token gesture. If the main Test playing nations don’t make room-time for the younger/associate Teams between the two editions, there will be limited progress. Let’s make cricket a global game too 😇8:01 AM · Nov 24, 2021104243Exactly what we have been talking about…World Cup participation is a token gesture. If the main Test playing nations don’t make room-time for the younger/associate Teams between the two editions, there will be limited progress. Let’s make cricket a global game too 😇 https://t.co/bsiSmbH0fhआपको बता दें कि भारत, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और इंग्लैंड जैसी टीमें एसोसिएट टीमों के साथ काफी कम ही खेलती हैं।