यो-यो टेस्ट का इस दिग्गज ने किया विरोध, कहा फिटनेस के लिए जरूरी नहीं है ये टेस्ट

Nitesh
यो-यो टेस्ट को एक बार फिर लागू कर दिया गया है
यो-यो टेस्ट को एक बार फिर लागू कर दिया गया है

बीसीसीआई (BCCI) ने भारतीय खिलाड़ियों के फिटनेस का स्टैंटर्ड बरकरार रखने के लिए यो-यो टेस्ट को एक बार फिर लागू कर दिया है। अब यो-यो टेस्ट में पास होने पर ही खिलाड़ी का टीम में चयन हो पाएगा। हालांकि पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने इस टेस्ट का विरोध किया है। उन्होंने कहा है कि फिटनेस को मापने के लिए यो-यो टेस्ट कोई पैमाना नहीं होना चाहिए।

Ad

यो-यो टेस्ट कई सालों से भारतीय टीम के फिटनेस रुटीन का हिस्सा था। इस टेस्ट को फिटनेस के लिए एक पैमाना माना जाता है। इसे विराट कोहली और रवि शास्त्री के कार्यकाल के दौरान लागू किया गया था और इसी वजह से उस वक्त कई बड़े प्लेयर्स का चयन भारतीय टीम में नहीं हो पाया था।

हर एक खिलाड़ी के लिए फिटनेस का पैमाना अलग-अलग होना चाहिए - सुनील गावस्कर

अब एक बार फिर से यो-यो टेस्ट को लागू कर दिया गया है। हालांकि सुनील गावस्कर ने इसका विरोध किया है। उन्होंने मिड-डे में लिखे अपने कॉलम में कहा, 'फिटनेस सबके लिए अलग-अलग होता है। तेज गेंदबाजों को स्पिनर्स से ज्यादा फिट होने की जरूरत होती है। विकेटकीपर्स के लिए और भी ज्यादा फिटनेस की जरूरत होती है और बल्लेबाजों को शायद सबसे कम फिटनेस की जरूरत होती है। इसी वजह से सबके लिए एक ही पैमाना सेट करना सही नहीं है। अगर इन फिटनेस टेस्ट को सबके सामने मीडिया की उपस्थिति में किया जाए तब असलियत पता लग पाएगा कि कौन पास हुआ है और कौन फेल हुआ है।'

आपको याद ही होगा कि एक समय युवराज सिंह, संजू सैमसन और अंबाती रायडू जैसे प्लेयरों को सिर्फ इसलिए टीम में शामिल नहीं किया गया था क्योंकि वो यो-यो टेस्ट में फेल हो गए थे। वहीं दूसरी तरफ विराट कोहली और हार्दिक पांड्या समेत कुछ ऐसे नाम हैं जिन्हें यो-यो टेस्ट में महारत हासिल है।

Quick Links

Edited by Nitesh
Sportskeeda logo
Close menu
Cricket
Cricket
WWE
WWE
Free Fire
Free Fire
Kabaddi
Kabaddi
Other Sports
Other Sports
bell-icon Manage notifications