'किसी को ऐसे ही...,' इंग्लैंड दौरे से पहले दिग्गज का बड़ा बयान, युवा खिलाड़ियों को लग सकता है झटका

भारत के युवा खिलाड़ी हर्षित राणा और नितीश रेड्डी (Photo Credit_Getty)
भारत के युवा खिलाड़ी हर्षित राणा और नितीश रेड्डी (Photo Credit_Getty)

Sunil Gavaskar raised question on Team India' squad system: भारतीय क्रिकेट टीम को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में करारी हार का सामना करना पड़ा। 5 मैचों की टेस्ट सीरीज में टीम इंडिया को 1-3 से शिकस्त झेलनी पड़ी, साथ ही आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बनाने का सपना भी टूट गया। दौरे पर रिजर्व खिलाड़ियों को मिलाकर टीम इंडिया के साथ 19 खिलाड़ी शामिल थे। इसी वजह से पूर्व दिग्गज भारतीय बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने अब टीम इंडिया के आगामी इंग्लैंड दौरे के लिए खिलाड़ियों की संख्या को कम करने की सलाह दी है।

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इस दिग्गज ने दो टूक अंदाज में एक बात कही कि हर किसी को ऐसे ही टीम इंडिया की कैप नहीं दे दी जानी चाहिए। गावस्कर का ये बयान ऑस्ट्रेलिया में भारत के बड़े स्क्वाड की वजह से आया है।

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भारत की कैप किसी को ऐसे ही नहीं दे दी जानी चाहिए

सुनील गावस्कर ने स्पोर्टस्टार पर लिखे अपने कॉलम में कहा,

"16 से ज्यादा खिलाड़ियों को ले जाना यह संकेत देगा कि सेलेक्टर्स अनिश्चित हैं, और यह कभी भी अच्छा संकेत नहीं है। सिर्फ इसलिए कि बीसीसीआई एक बड़ा दल भेजने का जोखिम उठा सकता है, इसका मतलब यह नहीं है कि भारतीय टीम की ऐसे ही कैप दे दी जानी चाहिए। विदेशों में आम समस्या प्रैक्टिस गेंदबाजों की कमी है, इसलिए हर तरह से कुछ गेंदबाजों को ले जाएं, और उन्हें कोचिंग और कपड़े दिए जा सकते हैं, लेकिन भारतीय टीम की कैप नहीं दी जानी चाहिए।"

गावस्कर ने अधिक प्रैक्टिस मैच खेलने पर जोर दिया और कहा,

"टेस्ट मैचों के बीच कुछ इंटरवल होंगे, और इनका उपयोग प्रैक्टिस गेम के लिए किया जाना चाहिए। इंग्लैंड टूर पर लगभग हर बार सड़क मार्ग से होती है, और भारतीय टीम पिछले टेस्ट मैच की आखिरी शाम को अगले टेस्ट वेन्यू पर जाएगी। चूंकि यात्रा का कोई दिन शामिल नहीं होगा, इसलिए टेस्ट के बाद अगले दिन की छुट्टी देना समझ में आता है, लेकिन अगले कुछ दिनों का उपयोग प्रैक्टिस के लिए किया जाना चाहिए।"

प्रैक्टिस का फैसला कोच और कप्तान लें, खिलाड़ी नहीं

इस दिग्गज खिलाड़ी ने आगे कहा,

"ऑप्शनल प्रैक्टिस की इस हालिया परंपरा को खत्म किया जाना चाहिए, और केवल कोच और कप्तान को यह तय करना चाहिए कि प्रैक्टिस से किसे छुट्टी मिलेगी, और यह फैसला व्यक्तिगत रूप से खिलाड़ी पर नहीं छोड़ा जाना चाहिए। भारतीय क्रिकेट में गहराई है, या ऐसा हमें बताया जाता है, और उम्मीद है कि यह इंग्लैंड में दिखाई देगा, जहां एक नया भारत दिखा सकता है कि वे दुनिया का सामना करने के लिए तैयार हैं।"

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Edited by Prashant Kumar
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