वीवीएस लक्ष्मण आजकल उन खिलाड़ियों के लिए अपने ट्विटर हैंडल पर अच्छी बातें लिख रहे हैं जिनके साथ वे क्रिकेट खेले हैं। वीवीएस लक्ष्मण की इस लिस्ट में अब पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज जहीर खान का नाम भी जुड़ गया है। वीवीएस लक्ष्मण ने जहीर खान को सपने देखने की हिम्मत करने के बाद उन्हें पूरा करने वाला बताया।अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लक्ष्मण ने लिखा कि सपने देखने की हिम्मत करके उनका पीछा करने की ठानने वाले जहीर खान। आगे उन्होंने लिखा कि श्रीरामपुर से निकलकर करियर में ऊँचाइयों को प्राप्त करना उनकी ताकत को दर्शाता है। वूस्टरशायर में काउंटी क्रिकेट में कार्य से उन्होंने खुद को मजबूत करने की इच्छा दिखाई।यह भी पढ़ें: भारतीय टीम की तरफ से 3 सबसे धीमे वनडे शतक जड़ने वाले बल्लेबाजवीवीएस लक्ष्मण ने युवराज के लिए भी दी प्रतिक्रियायुवराज सिंह कैंसर पर विजय प्राप्त कर कई लोगों के लिए प्रेरणादायी बने। 2011 विश्वकप में अस्वस्थ होने के बाद भी टीम को अपने कंधों पर लेकर गए। रिकवरी के बाद उन्होंने अपना सर्वोच्च स्कोर बनाया जो उनकी अटूट भावना के लिए एक ट्रिब्यूट है।Daring to dream big & determined to chase those dreams, @ImZaheer ‘s journey from tiny Shrirampur to the dizzy heights of success illustrated the strength of his character.His career-defining county stint at Worcester reiterated his desire to reinvent himself & shed comfort zones pic.twitter.com/44eCYAhYxa— VVS Laxman (@VVSLaxman281) June 8, 2020जहीर खान ने शुरुआत बेहतरीन तरीके से की थी। 2003 विश्वकप में भी उन्होंने धाकड़ गेंदबाजी की। कुछ समय तक चोटों से जूझते हुए वे टीम से बाहर हो गए। इसके बाद फिर से वापस आकर उन्होंने अपनी गेंदों में अलग-अलग तरह की विभिन्नता दिखाई। रिवर्स स्विंग के मामले में भी उन्होंने काफी बेहतरीन कार्य किया। 2011 विश्वकप में उनकी नकल बॉल ने कई बल्लेबाजों को परेशान किया था। जहीर खान की गेंदबाजी में उनकी मेहनत और समझ दोनों नजर आती थी। टेस्ट में जहीर ने 311 विकेट अपने नाम किये हैं। वनडे में यह आंकड़ा 282 और टी20 क्रिकेट में 17 है।युवराज सिंह के बारे में भी कुछ बातें अहम हैं। उन्होंने 2007 में भारत को टी20 वर्ल्ड कप का खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई। इसके अलावा 2011 वर्ल्ड कप में वे मैन ऑफ़ द टूर्नामेंट थे। अपने ऑल राउंड खेल से उन्होंने भारत को कप दिलाने में भूमिका निभाई। कैंसर से जूझते हुए उन्होंने यह टूर्नामेंट खेला था। इलाज के बाद वापस आकर युवराज सिंह ने फिर भारतीय टीम में वापसी की।