‘सिर्फ मेरे बेटे को नहीं मिलते मौके,’ वॉशिंगटन सुंदर के पिता का बड़ा खुलासा; मैनचेस्टर टेस्ट के बाद क्यों दिया ऐसा बयान

England v India - 4th Rothesay Test Match: Day Five - Source: Getty
England v India - 4th Rothesay Test Match: Day Five - Source: Getty

Washington Sundar father unhappy about his son not getting regular chances: भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ मैनचेस्टर टेस्ट ड्रॉ करा लिया और अभी भी उसके पास सीरीज बराबरी पर खत्म करने का मौका है। इस मैच के अंतिम दिन रवींद्र जडेजा के साथ वॉशिंगटन सुंदर ने जबरदस्त साझेदारी की और बेहतरीन शतकीय पारी खेली। यह सुंदर का इंटरनेशनल लेवल पर पहला शतक रहा और उनकी हर कोई प्रशंसा कर रहा है। हालांकि, उनके पिता ने खास चीज को लेकर नाराजगी जाहिर की है और भारतीय टीम मैनेजमेंट पर निशाना साधा है।

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ओल्ड ट्रैफर्ड में खेले गए चौथे टेस्ट में भारत की दूसरी पारी के दौरान ऋषभ पंत चोट के कारण नंबर 5 पर बल्लेबाजी के लिए नहीं आ सकते थे। इसीलिए वॉशिंगटन सुंदर को प्रमोशन मिला और अपने करियर का पहला शतक जड़ने में कामयाब रहे। सुंदर ने 206 गेंदों का सामना किया और नौ चौके व एक छक्के की मदद से 101 रनों की नाबाद पारी खेली। साथ ही पांचवें विकेट के लिए रवींद्र जडेजा के साथ 203 रनों की अविजित साझेदारी की। इसी वजह से इंग्लैंड को ड्रॉ के लिए मजबूर होना पड़ा।

अच्छे प्रदर्शन के बावजूद नियमित मौके ना मिलने को लेकर जताई नाराजगी

वॉशिंगटन सुंदर की शतकीय पारी के बाद, उनके पिता एम सुंदर का बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा ही कि उनके बेटे को अच्छे प्रदर्शन के बावजूद नियमित मौके नहीं मिलते हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया से सुंदर के पिता ने कहा,

"वॉशिंगटन लगातार बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। हालांकि, लोग उसके प्रदर्शन को नजरअंदाज कर देते हैं और भूल जाते हैं। दूसरे खिलाड़ियों को नियमित मौके मिलते हैं, सिर्फ मेरे बेटे को नहीं मिलते। वॉशिंगटन को लगातार पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करनी चाहिए, जैसा उसने चौथे टेस्ट की दूसरी पारी में किया था और उसे लगातार पांच से दस मौके मिलने चाहिए। हैरानी की बात है कि मेरे बेटे को इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट के लिए नहीं चुना गया। चयनकर्ताओं को उसके प्रदर्शन पर नजर रखनी चाहिए।"
"वॉशिंगटन ने 2021 में चेन्नई में इंग्लैंड के खिलाफ टर्निंग पिच पर नाबाद 85 रन और उसी साल अहमदाबाद में उसी टीम के खिलाफ 96* रन बनाए थे। अगर ये दोनों पारियां शतक में बदल जातीं, तब भी उन्हें टीम से बाहर कर दिया जाता। क्या किसी और भारतीय क्रिकेटर के लिए ऐसा रवैया अपनाया गया है? इन सबके बाद वह काफी मज़बूत हो गए हैं और इसी का नतीजा है कि लोग अब उनका प्रदर्शन देख रहे हैं।"

आपको बता दें कि इंग्लैंड के खिलाफ पिछले महीने लीड्स में खेले गए टेस्ट मैच में वॉशिंगटन सुंदर को मौका नहीं मिला था। उस मैच में भारत की हार मिली थी और फिर एजबेस्टन में सुंदर को प्लेइंग 11 में खिलाया था, जिसे भारत ने जीता था।

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Edited by Prashant Kumar
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