भारतीय कबड्डी टीम के अनुभवी खिलाड़ियों में से एक जसमेर सिंह गुलिया ने हाल ही में कबड्डी से संन्यास का ऐलान कर दिया। भारत के लिए 2010 में हुए एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे जसमेर गुलिया ने भारत और प्रो कबड्डी लीग के शुरूआती सीजन में काफी शानदार प्रदर्शन किया है।पानीपत के रहने वाले जममेर को कबड्डी में 18 साल का अनुभव हैं और उन्होंने 1999 में खेलना शुरू किया था। उन्होंने सीनियर नेशनल में 5, तो भारतीय टीम के लिए 4 स्वर्ण पदक जीते हैं। जसमेर ने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए अपने संन्यास का ऐलान किया और इस बात की जानकारी दिग्गज कमेंटेटर सुनील तनेजा ने मौजूदा सीजन के 130वें मुकाबले में कमेंट्री करते हुए फैंस को दी। View this post on Instagram It's time to say GOOD-BYE to Kabaddi. This #PKL is my last tournament as a professional player. I have been fortunate enough to represent #India at the highest level. Then, #ProKabaddi journey has also been very fruitful. Thanks to AKFI, star sports, my all #PKL teams, my teammates, coaches and all the fans for your suport and love. God bless you all. A post shared by Jasmer gulia (@guliajasmer) on Dec 25, 2018 at 7:30am PSTकबड्डी के सबसे दिग्गज ऑलराउंडर में से एक जसमेर ने प्रो कबड्डी लीग में दबंद दिल्ली, पुनेरी पलटन, तेलुगु टाइटंस और मौजूदा सीजन में वो बेंगुलरू बुल्स के लिए खेल हे हैं। उनके अनुभव को देखते हुए ही दिल्ली ने पहले सीजन में उन्होंने कप्तान बनाया था और उनके लिए वो सीजन काफी यादगार रहा था।उन्होंने पहले सीजन में 14 मुकाबलों में 38 टैकल पॉइंट हासिल किए और वो सीजन के चौथे बेस्ट डिफेंडर भी थे। हालांकि वो दूसरे सीजन में अच्छा नहीं कर पाए थे, जिसके बाद दिल्ली की टीम ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया था। तीसरे सीजन में वो पुनेरी पलटन के लिए खेले और वहां वो शानदार प्रदर्शन करते हुए टीम को सेमीफाइनल में लेकर गए। जसमेर का प्रदर्शन चौथे सीजन में तेलुगु टाइटंस के लिए काफी निराशाजनक रहा था , जिसके बाद 5वें सीजन के लिए उन्हें किसी टीम ने नहीं खरीदा था।इस सीजन में बेंगलुरू बुल्स ने उनको खरीदा, लेकिन वो छाप छोड़ने में पूरी तरह से नाकाम हुए। जसमेर गुलिया ने 52 मुकाबलों में 109 टैकल पॉइंट हासिल किए हैं। हालांकि गुलिया की कोशिश रहेगी कि बेंगलुरू बुल्स इस साल चैंपियन बने और वो खिताब के साथ कबड्डी से संन्यास ले।