Kabaddi: पवन सेहरावत (Pawan Sehrawat) के लिए पिछला एक महीना काफी ज्यादा खास रहा। उन्होंने चोट के बाद आखिरकार कबड्डी मैट पर वापसी की और साथ ही हाल में समाप्त हुए एशियन कबड्डी चैंपियनशिप में भारतीय टीम की कप्तानी करते हुए टीम को ऐतिहासिक जीत दिलाई। पवन ने ना सिर्फ बेहतरीन कप्तानी की, बल्कि बतौर रेडर भी उन्होंने टीम की जीत में सबसे अहम भूमिका निभाई।भारतीय टीम के लिए अगली चुनौती Asian Games होने वाली है और पवन भी इसके लिए पूरी तरह तैयार हैं। Sportskeeda द्वारा Asian Games की तैयारियों को लेकर पूछे गए सवाल को लेकर पवन ने कहा,"मैं डिफेंस में काफी सुधार अभी चाहता हूं। हमने 3-4-5 के डिफेंस का जो अभ्यास किया था, मैच के दौरान उसका 10 प्रतिशत भी हम नहीं खेल पाए। हम जरूर जीत गए, लेकिन टीम के प्रदर्शन से मैं खुश नहीं हूं। हम आसानी के साथ मैच को और एकतरफा बना सकते थे। हमने फाइनल को 10 पॉइंट से जीता, लेकिन ईरान के खिलाफ इससे पहले हम सिर्फ 3-4 पॉइंट से ही जीते थे। वो भी हमारे लिए आसान जीत हो सकती थी।अभी हमारा कैंप लगेगा और निश्चित तौर पर इसके ऊपर हम काम करने वाले हैं।" View this post on Instagram Instagram Postभारतीय टीम सितंबर में होने वाले Asian Games में जरूर गोल्ड जीतने के प्रबल दावेदार के रूप में उतरेगी, लेकिन टीम के ऊपर दबाव भी उतना ही होने वाला। इसके पीछे का कारण 2018 में हुए Asian Games थे, जहां टीम ईरान के खिलाफ सेमीफाइनल में हार गई थी और उन्हें कांस्य पदक से ही संतुष्ट करना पड़ा था। इसी वजह से भारत से हर कोई गोल्ड की उम्मीद इस बार कर रहा है। देखना होगा कि पवन क्या 9 सालों का सूखा खत्म कर पाएंगे।Asian Kabaddi Championship में पवन सेहरावत के ऊपर नहीं था कोई दबावआपको बता दें कि भारतीय टीम पूरे टूर्नामेंट के दौरान एक भी मैच नहीं हारी। भारत ने लीग स्टेज में साउथ कोरिया, चीनी ताइपे, जापान, हॉन्ग कॉन्ग और ईरान जैसी टीमों को शिकस्त दी। इसके बाद फाइनल में भारत ने ईरान को ही हराकर खिताबी जीत दर्ज की थी। इस बीच टीम को ईरान से सबसे ज्यादा टक्कर मिली। ईरान के खिलाफ मैच के दौरान इमोशन भी काफी हाई हो गए थे और खिलाड़ियों के बीच अनबन भी देखी गई थी।हालांकि पवन के मुताबिक वो कप्तानी करते हुए बिल्कुल भी दबाव में नहीं थे और उनकी कोशिश अपने प्लान पर चलने की ही थी। पवन सेहरावत ने कप्तानी के बारे में बात करते हुए कहा,"मैं बिल्कुल भी दबाव नहीं लेता हूं। ईरान, कोरिया या किसी भी विपक्षी टीम के खिलाफ खेलने के दौरान हमारे ऊपर कई दबाव नहीं था। मैं नेशनल कप्तानी की बात करूं या फिर PKL में कप्तानी की, यह मेरे लिए काफी आसान रहा है। मैं जब भी मैट पर जाता हूं तो अपने प्लान के साथ जाता हूं। कोच के अपने प्लान होते हैं, लेकिन मेरे पास अपने प्लान भी होते हैं। मैं विपक्षी टीम की कमजोरी का फायदा उठाने की कोशिश करता हूं। View this post on Instagram Instagram Postपवन ने इस बीच साफ कर दिया कि वो बतौर कप्तान वो हमेशा गलत के खिलाफ खड़े होंगे, फिर उन्हें रेफरी के खिलाफ ही क्यों ना जाने पड़े। उन्होंने यह भी कहा कि वो अटैकिंग गेम खेलना चाहते हैं और उनका माइंडसेट भी एकदम वैसा ही रहता है।PKL 10 के ऑक्शन को लेकर पवन सेहरावत ने क्या कहा?हाल ही में मशाल स्पोर्ट्स ने इस बात का ऐलान किया कि 8 और 9 सितंबर को Pro Kabaddi League के 10वें सीजन (PKL 10) का ऑक्शन का आयोजन किया जाएगा। इसमें 500 से ज्यादा खिलाड़ी हिस्सा लेने वाले हैं और सभी टीमों के पर्स में भी इजाफा किया गया है। पवन से जब ऑक्शन के बारे में पूछा गया, तो हाई-फ्लाइर ने साफ किया कि उन्होंने अभी तक इसे लेकर कोई फैसला नहीं लिया है और जैसे ही कुछ फाइनल होगा वो सबको इसके बारे में बताएंगे।पवन कुमार सेहरावत PKL इतिहास के सबसे महंगे खिलाड़ी हैं, उन्हें PKL 9 के ऑक्शन में तमिल थलाइवाज ने 2 करोड़ 26 लाख रुपये में अपनी टीम में शामिल किया था। हालांकि पहले ही मैच में चोटिल होने के कारण वो पूरे टूर्नामेंट से बाहर हो गए थे। देखना होगा कि पवन इस बार तमिल के लिए खेलते हुए दिखाई देंगे या फिर किसी नई टीम का हिस्सा बनेंगे। View this post on Instagram Instagram Post