CWG 2022 : महज 14 साल की अनाहत सिंह देश को मेडल दिलाने को तैयार

14 साल की अनाहत कॉमनवेल्थ गेम्स के जरिए अपना सीनियर डेब्यू करेंगी।
14 साल की अनाहत कॉमनवेल्थ गेम्स के जरिए अपना सीनियर डेब्यू करेंगी।

14 साल की उम्र में आमतौर पर सभी स्कूल की पढ़ाई, होमवर्क, टीवी, सुपरहीरोज, जैसी चीजों में ही व्यस्त रहते हैं। लेकिन इसी उम्र में अनाहत सिंह इतिहास रचने जा रही हैं। महज 14 साल की अनहत देश की प्रतिभाशाली स्क्वॉश खिलाड़ियों में शामिल हैं और बर्मिंघम कॉमनवेल्थ खेलों में भाग लेने वाली भारतीय दल की सबसे युवा सदस्य हैं। अनाहत स्क्वॉश के महिला सिंगल्स में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली हैं।

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इसी साल जून में अनाहत ने एशियन जूनियर चैंपियनशिप जीती और इतनी कम उम्र में यूएस जूनियर ओपन, जर्मन जूनियर ओपन जैसे 50 से अधिक टाइटल अपने नाम कर चुकी हैं। अनाहत अब कॉमनवेल्थ खेलों के जरिए सीनियर लेवल पर अपना डेब्यू करने जा रही हैं। 13 मार्च 2008 को दिल्ली में जन्मीं अनाहत के पिता गुरशरण सिंह पेशे से वकील हैं, वहीं मां तानी सिंह इंटीरियर डिज़ाइनर हैं। अनाहत की बड़ी बहन अमीरा स्क्वॉश खेलती हैं।

बड़े होते हुए एक समय अनाहत ने बैडमिंटन खेलने का सपना देखा और पीवी सिंधू को अपना आदर्श भी बनाया, लेकिन समय के साथ अनाहत की रुचि बहन की तरह स्क्वॉश में बढ़ी और आज ये खिलाड़ी जोशना चिनप्पा, दीपिका पल्लीकल जैसी देश की टॉप प्लेयर्स के साथ बर्मिंघम खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व कर रही है।

अनाहत को उनकी बहन अमीरा ने शुरुआत में स्क्वॉश सिखाया और आगे चलकर राष्ट्रीय स्तर के पूर्व खिलाड़ी अमजद खान और अशरफ हुसैन से इस खेल के गुर सीखे। अनाहत अंडर 11 में देश की नंबर 1 बालिका खिलाड़ी बनीं, और अंडर 13 में एशिया में नंबर 1 रहीं। पिछले ही साल अनाहत ने अमेरिका में जूनियर खिताब जीता और इस साल जर्मन और डच ओपन के खिताब अपने नाम किए। इसी साल चेन्नई में कॉमनवेल्थ खेलों के लिए हुए कैम्प में अनाहत ने सभी को काफी प्रभावित किया और टीम में जगह बनाई।

अनाहत की उम्र भले ही कम हो लेकिन वो अपने प्रदर्शन से निश्चित रूप से सभी को चौंका सकती हैं क्योंकि इस युवा खिलाड़ी पर कोई दबाव नहीं है, उनका खेल कई प्रतिद्वंदी खिलाड़ियों ने देखा नहीं है, और ऐसे में अनाहत का खेल सरप्राइज एलिमेंट साबित हो सकता है। गोल्ड कोस्ट खेलों में भारत के अनीष भानवाला ने 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल में गोल्ड जीता था और सबसे युवा गोल्ड विजेता भारतीय खिलाड़ी बने थे।

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Edited by Prashant Kumar
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