बर्मिंघम कॉमनवेल्थ खेल 2022 में इस बार मैस्कॉट के रूप में 'पैरी' लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहा है। पैरी एक बुल है और इसका नाम बर्मिंघम शहर के पैरी बार्र इलाके के नाम पर रखा गया है। इसी इलाके में ऐलेक्जेंडर स्टेडियम है जहां कॉमनवेल्थ खेलों की ओपनिंग और क्लोजिंग सेरेमनी का आयोजन किया जाएगा।Team England@TeamEngland 📸 A day in the life of Perry the Bull 183👋 📸 😅 ☀️ A day in the life of Perry the Bull ♉ https://t.co/HRGL1K5kUHखास बात ये है कि पैरी का डिजायन 10 साल की बच्ची एमा लू ने तैयार किया है। लू ने पैरी के डिजायन में इसे Hexagon यानी षट्भुज की आकृति से बनाया है। पिछले साल मार्च में जब पैरी को आधिकारिक रूप से मैस्कॉट चुना गया तब एमा ने बताया कि ये आकृति सबसे मजबूत मानी जाती है और अच्छे से किसी भी आकार को जोड़कर रखती है इसलिए उन्होंने भी पैरी को बनाने में Hexagon का ही उपयोग किया। Birmingham 2022@birminghamcg22There’s a new bull in town… birmingham2022.com/mascot#SayHiToPerry2496716There’s a new bull in town… 🐂birmingham2022.com/mascot#SayHiToPerry https://t.co/7k9NaTfEasबर्मिंघम में सालों से बुल रिंग नामक मार्केट है जो बुलरिंग नाम के शॉपिंग सेंटर के पास है। इसलिए भी पैरी को एक सांड यानी Bull के रूप में रखा गया है। पैरी की आकृति में शामिल Hexagon को सतरंगी बनाते हुए संदेश दिया गया है कि ये कॉमनवेल्थ खेल सभी के लिए हैं। पैरी के गले में एक मेडल है जो बर्मिंघम के विशालकाय ज्वेलैरी मार्केट को दर्शाता है। बर्मिंघम में Jewellry Quarter नाम से एक उद्योग केंद्र भी है जहां सैकड़ों गहनों से जुड़ी दुकाने हैं। पैरी ने स्पोर्ट्स किट पहनी है जिसमें नीला, पीला और लाल रंग स्ट्राइप्स में दिख रहा है। यह बर्मिंघम के आधिकारिक ध्वज के रंग हैं।44 साल पहले शुरु हुई परंपरा2010 दिल्ली खेलों का शुभंकर शेरा।कॉमनवेल्थ खेलों में मैस्कॉट यानी शुभंकर रखने की शुरुआत साल 1978 के एडोमॉन्ट खेलों से हुई जो कनाडा में हुए थे। पहला मैस्कॉट केयानो एक भालू था। साल 1982 में ब्रिसबेन, ऑस्ट्रेलिया के खेलों में मटिल्डा नाम के कंगारू को मैस्कॉट बनाया गया था जो काफी लोकप्रिय हुआ था। 2010 में दिल्ली कॉमनवेल्थ खेलों में मैस्कॉट शेरा को भी लोगों ने काफी पसंद किया था।