टोक्यो ओलंपिक में दुनिया के सबसे छोटे देशों की फेहरिस्त में शामिल सेन मरीनो ने इतिहास कायम कर दिया। न सिर्फ इस देश ने अपना पहला ओलंपिक पदक जीता बल्कि देश की तरफ से भाग ले रहे कुल 5 एथलीट में से 3 ने अपनी स्पर्धाओं में पदक जीते। पदक जीतने के 60 फीसदी प्रतिशत के साथ सेन मरीनो टोक्यो ओलंपिक का सबसे सफल देश बन गया है।शूटिंग में पहला पदकसेन मरीनो को ओलंपिक इतिहास का उसका पहला पदक दिलाया शूटर ऐलाहांद्रा पेरिली ने जिन्होंने महिला ट्रैप स्पर्धा का कांस्य पदक अपने नाम किया। इस पदक के बाद ही दुनिया इस देश के बारे में लगातार बात कर रही थी, लेकिन इसके बाद ट्रैप शूटिंग की मिश्रित टीम स्पर्धा में पेरिली ने जियान मार्को बर्टी के साथ मिलकर सिल्वर मेडल दिलाया और देश के लिए दो पदक जीतने वाली और सिल्वर जीतने वाली पहली महिला बन गईं। खास बात ये है कि पेरेली और बर्टी सिर्फ 1 शॉट से गोल्ड मेडल स्पेन की जोड़ी को गंवा बैठे।🇸🇲🇸🇲🇸🇲 SAN MARINO WITH ANOTHER MEDAL! 🇸🇲🇸🇲🇸🇲It's #bronze for Myles Nazem Amine of #SMR in the men's freestyle 86kg wrestling - the first ever male individual Olympic medal for San Marino! #StrongerTogether | @Tokyo2020 | @Wrestling pic.twitter.com/0dpnQHKkts— Olympics (@Olympics) August 5, 2021सेन मरीनो को पुरुष फ्रीस्टाईल रेसलिंग के 86 किलो ग्राम वर्ग में पहलवान नजीम अमीन ने कांस्य पदक दिलाया। अमीन ने भारत के दीपक पुनिया को कांस्य पदक मुकाबले में हराकर ये मुकाम हासिल किया।हर 12 हजार व्यक्ति पर एक पदकसेन मरीनो की कुल आबादी 36 हजार के आसपास है। इटली के एन्क्लेव में बसा ये खूबसूरत देश प्रति 12 हजार की आबादी पर 1 पदक जीता है, जो वाकई में शानदार है। साल 1960 के रोम ओलंपिक में सेन मरीनो ने पहली बार इन खेलों में प्रतिभाग किया था।बरमूडा की डफी महिला ट्रायथलॉन चैंपियन बनीं.सेन मरीनो के अलावा अन्य छोटे देशोंं ने भी खेलों में इतिहास रचा। बरमूडा की फ्लोरा डफी ने ट्रायथलॉन का गोल्ड जीता और बरमूडा गोल्ड जीतने वाला दुनिया का सबसे छोटा देश बन गया। आईलैंड नेशन फिजी ने टोक्यो में पुरुष रग्बी का गोल्ड मेडल जीता। 2016 में भी इस देश ने रियो में इस स्पर्धा का पहला गोल्ड जीता था।