'यही लड़की लातों से कुचली गई थी...,' विनेश फोगाट की पेरिस ओलंपिक में जीत पर साथी पहलवानों का रिएक्शन

गीता फोगाट और विनेश फोगाट
गीता फोगाट और विनेश फोगाट की तस्वीरें (photo credit: instagram/bajrangpunia60)

Vinesh Phogat Paris olympics 2024: पेरिस ओलंपिक 2024 में रेसलर व‍िनेश फोगाट ने शानदार प्रदर्शन करते हुए क्वार्टर फाइनल मुकाबले में यूक्रेन की ख‍िलाड़ी ओक्साना लिवाच को 7-5 से शिकस्त देते हुए सेमिफाइनल में अपनी जगह बना ली है। बता दें कि क्वार्टर फाइनल में एंट्री से पहले विनेश ने ओलंप‍िक गोल्ड मेडल‍िस्ट और वर्ल्ड नंबर 1 यूई सुसाकी को 3-2 से हराया था। अब उनकी सफलता के बाद उनके पूर्व साथी पहलवानों ने उस दौर को याद किया है जब विनेश रोड पर अनशन के लिए बैठी थीं और पुलिस उन्हें खदेड़ रही थी।

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विनेश की इस सफलता पर उनके अनशन के साथी रहे रेसलर बजरंग पूनिया ने खिलाड़ी के पुराने हालातों को फिर से याद करते हुए कहा कि यही लड़की जिसने सेमीफाइनल में अपनी जगह बनाई वह अपने देश में लातों से कुचली गई थी। अपने देश में सड़कों पर घसीटी गई थी, ये खिलाड़ी दुनिया जीतने वाली है, लेकिन इस देश में सिस्टम से हार गई थी। बजरंग पूनिया ने कहा कि हमें पहले ही भरोसा था कि वह गोल्ड लेकर आएगी।

हम लोग जब धरने पर बैठे थे तब बहुत कुछ कहा गया था

जंतर-मंतर पर प्रदर्शन को याद करते हुए बजरंग पुनिया ने कहा कि जब हम सब खिलाड़ी धरने पर बैठे तो हमारे बारे में बहुत कुछ बोला गया था, अब वो लोग कहां हैं? अब वह देश की बेटी कहलाएगी या नहीं, अब उनके पास कॉल जाएगा या नहीं? बजंरग ने कहा कि जंतर-मंतर पर हमारे प्रदर्शन के दौरान सरकार के आईटी सेल और ब्रजभूषण सिंह के खास लोगों ने बहुत कुछ कहा था।

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आज भी मेंटली परेशान हैं हम लोग...

बजरंग पूनिया ने कहा कि हम लोग आज भी मेंटली टॉर्चर वाले दौर से गुजर रहे हैं। विनेश को खालिस्तानी और देशद्रोही तक कहा गया। बजरंग पुनिया आगे कहते हैं कि जब कोई मेडल जीत लेता है तो देश की बेटी हो जाती है। देशवासियों के आशीर्वाद की वजह से विनेश आज यहां पहुंच गईं हैं। आज रात में सेमिफाइनल होगा, इसके बाद गोल्ड के लिए टक्कर होगी। हमको और विनेश को अपनी तरफ से बेस्ट करना है, मैंने विनेश से कहा कि आपने जो ट्रेनिंग की है, उस पर फोकस करो दुनिया पर नहीं।

फोटो खिचवाने सब आ जाते हैं

अगर हमें ओलंपिक मेडल की टैली में 3 या 4 नंबर पर आना है तो खिलाड़ियों को चीन-अमेरिका जैसी सुविधाएं देनी होंगी। खिलाड़ियों को सिर्फ तभी याद नहीं करना चाहिए जब वह मेडल जीत रहा होता है। उससे पहले किसी को नहीं पता होता है खिलाड़ी कहां ट्रेनिंग कर रहे हैं, क्या खा रहे हैं, लेकिन अब फोटो खिंचवाने के लिए सभी आगे आएंगे।

दुनिया झुकाती है लेकिन झुकने का नहीं

गीता फोगाट ने अपने धरना प्रदर्शन के दिनों को याद करते हुए अपने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर की जिसमें उन्होंने कैप्शन लिखा कि दुनिया झुकाती है लेकिन झुकने का नहीं।

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Edited by Priyam Sinha
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