IPL and PSL Rules Difference: भारत में आईपीएल के 18वें सीजन का रोमांच अपने चरम पर है, जिसकी शुरुआत 22 मार्च से हुई थी। वहीं, पड़ोसी देश पाकिस्तान में PSL का दसवां सीजन शुरू हो गया है। यह पहली बार पीएसएल का आयोजन आईपीएल के साथ हो रहा है। आईपीएल के जरिए बीसीसीआई की तगड़ी कमाई को देखते हुए ही पाकिस्तान ने पीएसएल की शुरुआत की थी।
पाकिस्तान ने आईपीएल के नकल उतारने में कोई कमी नहीं छोड़ी है, लेकिन इसके बावजूद PSL कई मामलों में IPL से कोसों दूर है। इस आर्टिकल में हम उन 3 बड़े अंतर की बात करेंगे, जो आईपीएल और पीएसएल में देखने को मिलते हैं।
3. स्ट्रेटेजिक टाइम आउट
आईपीएल में एक नियम जो काफी चर्चा में रहता है, वो स्ट्रेटेजिक टाइम आउट है। इस नियम का इस्तेमाल एक मैच के दौरान चार बार होता है। मैच में हर टीम दो-दो बार स्ट्रेटेजिक टाइम आउट लेती है, ताकि वो अपनी रणनीति बना सकें। इस दौरान टीम के कोच मैदान पर आकर खिलाड़ियों को सलाह देते हुए नजर आते हैं। हर टीम अपनी पारी में 6-9 और 13-16 ओवरों के बीच टाइम-आउट का उपयोग कर सकती हैं।
PSL में सिर्फ एक बार स्ट्रेटेजिक टाइम आउट होता है और ये अंपायर तय करते हैं कि ये कब लिया जाएगा। अमूमन पीएसएल में इसे दसवें ओवर के बाद लिया जाता है।
2. इम्पैक्ट प्लेयर रूल
इम्पैक्ट प्लेयर रूल आईपीएल का सबसे खास नियम है। इस नियम के तहत हर टीम मैच के दौरान एक खिलाड़ी को बदल सकती है। हालांकि, दोनों टीमों के कप्तानों को टॉस से पहले इम्पैक्ट सब प्लेयर्स के नाम बताने होते हैं। पाकिस्तान सुपर लीग में इम्पैक्ट प्लेयर जैसा कोई भी नियम नहीं है। इसमें कप्तान को अपनी प्लेइंग 11 टॉस से पहले बतानी होती है और फिर उसमें कोई बदलाव नहीं होता।
1. फील्डिंग के दौरान एक विदेशी प्लेयर का मैदान पर रहना जरूरी
आईपीएल और पीएसएल दोनों लीग्स में देसी प्लेयर्स के साथ-साथ विदेशी खिलाड़ी खेलते हुए नजर आते हैं। पीएसएल में फील्डिंग के दौरान कम विदेशी खिलाड़ी का मैदान पर उतरना अनिवार्य है। हालांकि, आईपीएल में ऐसा को नियम है। इसमें फील्डिंग के टीम 11 लोकल प्लेयर्स से भी फील्डिंग करवा सकती है।