"हमें एक्स्ट्रा 25 नंबर मिलेंगें" - महाराष्ट्र सरकार के एक नियम से शुरु कैसे हुआ RCB के स्टार बल्लेबाज का करियर; पढ़ें पूरी खबर 

आरसीबी के विकेटकीपर बल्लेबाज जितेश शर्मा (Image Credits: X@/ Royal Challengers Bengaluru SS)
आरसीबी के विकेटकीपर बल्लेबाज जितेश शर्मा (Image Credits: X@/ Royal Challengers Bengaluru SS)

Jitesh Sharma Talked About His Cricket Journey: आईपीएल 2025 में मैचों का रोमांच लगातार जारी है। सभी टीमें टूर्नामेंट में अपना बेस्ट देकर आगे बढ़ने की दौड़ में लगी हुई हैं। रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की बात करें तो टीम का होम ग्राउंड से प्रदर्शन शानदार रहा है और टीम ने 4 मैचों में जीत दर्ज की है।

Ad

चिन्नास्वामी स्टेडियम पर खेले गए दोनों मुकाबलों में टीम को हार का सामना करना पड़ा है। अब आरसीबी का अगला मुकाबला घर पर पंजाब किंग्स के खिलाफ 18 अप्रैल शुक्रवार को है। आरसीबी ने अपने सोशल मीडिया पर अपने विकेटकीपर बल्लेबाज जितेश शर्मा का एक वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें उन्होंने अपनी जर्नी को लेकर बात की है।

जितेश शर्मा ने अपनी क्रिकेट जर्नी को लेकर किया बड़ा खुलासा

युवा खिलाड़ी ने बताया,

"10वीं क्लास में मैं एनडीए में शामिल होना चाहता था। मुझे डिफेंस और वायु सेना में जाने का बहुत शौक था। महाराष्ट्र में एक नियम था कि अगर आप 10वीं या 12वीं क्लास में राज्य का प्रतिनिधित्व करते हैं, तो आपको 25 नंबर ज्यादा मिलते हैं, जो आपके टोटल नंबर में 4% जोड़ा जाता है।"
Ad

जितेश ने आगे अपने स्कूल के पहले क्रिकेट ट्रायल पर बात की और कहा,

"एक दिन एक दोस्त ने कहा कि हम उन 4% नंबर को हासिल करने के लिए क्रिकेट ट्रायल के लिए चले। मैंने सोचा हां चलो करते हैं। हम चले गए और जब हम वहां पहुंचे, तो ट्रायल के लिए खिलाड़ियों का रजिस्ट्रेशन हो रहा था। बच्चों से पूछा जा रहा था कि कौन बल्लेबाज है और कौन गेंदबाज। हम तीन दोस्त थे और हम सभी ने विकेटकीपर के लिए अपना नाम दर्ज कराया।"
youtube-cover
Ad

क्रिकेट के मुश्किल दौर पर भी जितेश ने की बात

जितेश ने 2017 के बाद अपने क्रिकेट करियर में मुश्किल दौर पर भी बात की। उन्होंने बताया कि कैसे उनके जल्दी सफल होने की उत्सुकता ने उनकी सोच को प्रभावित किया। सफल होने के अधिक दबाव से उनके फॉर्म और आत्मविश्वास पर बुरा प्रभाव पड़ा। उनका दोस्तों से उनका संपर्क टूट गया था, वह उनसे दोबारा बातचीत करने लगे। वह चाय की दुकान पर साथ-साथ घूमते और बातें करते थे, बस एक-दूसरे के साथ आनंद लेते थे। बाद में उन्हें पता चला कि उनके सच्चे दोस्त कौन हैं? जो लोग सिर्फ काम के लिए साथ थे, वे धीरे-धीरे दूर होने लगे। यह भगवान की तरफ से उनकी एक परीक्षा थी। उन तीन सालों में जितेश ने खुद को तलाशा और बाद में उन्हें इसका काफी अच्छा फल मिला।

Quick Links

Edited by Prashant Kumar
Sportskeeda logo
Close menu
Cricket
Cricket
WWE
WWE
Free Fire
Free Fire
Kabaddi
Kabaddi
Other Sports
Other Sports
bell-icon Manage notifications