Virat Kohli Talked About Champions Trophy and IPL: विराट कोहली ने आईपीएल 2025 की शुरुआत शानदार तरीके से की। कोहली ने चार मैचों में रॉयल चैलेंजर्स बेगलुरु के लिए 2 अर्धशतक जड़े हैं। आरसीबी का अगला मुकाबला 10 अप्रैल को चिन्नास्वामी स्टेडियम में दिल्ली कैपिटल्स से होने जा रहा है। दिल्ली कैपिटल्स इस सीजन में अब तक एक भी मुकाबला नहीं हारी है। कोहली ने टीम के महा-मुकाबले से पहले चैंपियंस ट्रॉफी की जीत पर बात की। उन्होंने अपने आईपीएल करियर के शुरुआती दिनों पर भी बड़ा बयान दिया।
कोहली ने चैंपियंस ट्रॉफी पर बात करते हुए कहा,
"अगर आप हाल ही में हुए मैचों पर गौर करें तो चैंपियंस ट्रॉफी के एक मैच में श्रेयस (अय्यर) ने जिम्मेदारी संभाली। यह कभी भी अहंकार की बात नहीं थी। उस समय अगर मैं लय में होता तो मैं आगे आकर जरूर जिम्मेदारी लेता। अगर कोई और बेहतर स्थिति में था तो उन्होंने जिम्मेदारी ली।"
कोहली ने आगे टीम में अपनी भूमिका पर भी बात की और कहा,
"यह कभी भी किसी को पीछे छोड़ने या अचानक यह महसूस करने की बात नहीं थी कि मेरे अंदर क्षमता नहीं है। यह हमेशा मैच की स्थिति को समझने के बारे में होता है। यह ऐसी चीज है जिस पर मुझे हमेशा गर्व रहा है। मैं स्थिति की मांग के अनुसार खेलना चाहता हूं।"
विराट कोहली ने IPL के शुरुआती दिनों को किया याद
विराट कोहली ने आईपीएल में शुरुआती दिनों के संघर्ष के बारे में भी बात की। कोहली ने कहा कि पहली बार आईपीएल खेलने के दौरान वह काफी हैरान थे। नॉर्थ जोन के लिए खेलने के दौरान वह जहीर खान और युवराज सिंह के अलावा किसी से नहीं मिले थे। अनिल कुंबले और राहुल द्रविड़ जैसे दिग्गजों के साथ ड्रेसिंग रूम में जाना एक काल्पनिक दुनिया जैसा था। इस दौरान उत्साह के साथ काफी दबाव भी रहता था क्योंकि वह जानते थे कि इस दौरान उनके खेल का लेवल उतना अच्छा नहीं था और उन्हें खुद को साबित करना था। पहले सीजन में उन पर काफी दबाव था, लेकिन वो अनुभव शानदार था।
कैसे आरसीबी के टॉप ऑर्डर में विराट कोहली ने बनाई अपनी जगह
कोहली ने आरसीबी के बारे में बात करते हुए कहा कि पहले तीन साल उन्हें आरसीबी के टॉप ऑर्डर में ज्यादा अवसर नहीं मिले। वह आमतौर पर लोअर ऑर्डर पर बल्लेबाजी करने आते थे। इस कारण वह शुरुआत में कुछ मैचों को छोड़कर यादगार पारियां नहीं खेल पाए। 2009 का सीजन उनके थोड़ा बेहतर रहा। 2009 में पिच कोहली के खेल के लिए अनुकूल रही थीं। गेंद अच्छी तरह से बैट पर आकर लगती थी और वह अपने शॉट्स अधिक स्वतंत्र रूप से खेल सकते थे। यह उनके करियर का एक दिलचस्प दौर था। 2010 के बाद से, उन्होंने लगातार प्रदर्शन करना शुरू कर दिया और 2011 तक वह लगातार नंबर तीन पर बल्लेबाजी करने लगे। तब से उनका आईपीएल करियर सही दिशा में आने लगा।